ओलंपिक खेलों की कहानियां महान खिलाडियों और उनके कीर्तिमानों के बारे में हैं पर कुछ ऐसी भी होती हैं जो आपको भावुक या हैरतअंगेज कर देती हैं। हर सप्ताह हम ऐसे फाइनल को याद करते हैं जिसकी चर्चा ओलंपिक इतिहास में हमेशा की जाएगी और इस सप्ताह हम बताएंगे कि 2012 लंदन ओलंपिक के पोल वॉल्ट फाइनल में क्या हुआ था।
क्या, कब, कहाँ
- मेंस पोल वॉल्ट फाइनल, लंदन 2012 ओलंपिक खेल
- ओलंपिक स्टेडियम, 10 अगस्त, 2012
पहले की कहानी
फ्रांस के मशहूर पोल वॉल्टर, Renaud Lavillenie 2008 बीजिंग खेलों के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए और वह बस 45 सेंटीमीटर से रह गए थे, और यही वह क्षण था जिसने उनका जीवन बदल दिया। उसके ठीक एक साल बाद उन्होंने 6 मीटर का पड़ाव तोड़ा और थोड़े ही महीनों बाद, बर्लिन में हुई विश्व प्रतियोगिता में पदक जीता।
एक धुआंधार 2009 के साथ, Lavillenie ने पोल वॉल्टिंग की दुनिया में अपनी जगह बना ली थी, और जब तक 2012 लंदन ओलंपिक्स पास आए, वह यूरोप में 2 ख़िताब जीत चुके थे।
अच्छे फॉर्म में होने के बावजूद, Lavillenie के लिए लंदन में पदक जीतना आसान नहीं था क्योंकि उनके सामने थे ऑस्ट्रेलिया के ओलंपिक चैंपियन, Steve Hooker और विश्व चैंपियन, Brad Walany.
अहम क्षण
Lavillenie के लिए स्वर्ण का रास्ता आसान हो गया जब फाइनल की शुरुआत में ही Hooker और Walker प्रतियोगिता से बाहर हो गए। ऐसा लग रहा था की अब Lavillenie को आसानी से स्वर्ण मिल जाएगा पर इस फाइनल ने एक नया रोमांचक मोड़ ले लिया था। जब डंडे के ऊंचाई 5.85 मीटर कर दी गई तो Lavillenie के साथ जर्मनी के 2 खिलाड़ी बचे थे - Björn Otto और Raphael Holzdeppe.
फाइनल के अंदर एक नई जंग।
मुकाबला और रोमांचक तब हो गया जब दोनों जर्मन खिलाड़ियों ने 5.91 मी की ऊंचाई पहले ही प्रयास में पार कर ली पर Lavillenie ऐसा करने में असफल रहे। अब उनके पास 2 विकल्प थे जिनमे से पहला था की 5.91 मी का पड़ाव दो और प्रयासों में पार कर लें या फिर ऊंचाई बढ़ा कर स्वर्ण के लिए प्रयास करें।
स्वर्ण पर निगाह बनाये हुए Lavillenie ने 5.97 मी की ऊंचाई को पार करने की ठान ली और पहले प्रयास में तीनों खिलाड़ी असफल रहे। लेकिन शायद स्वर्ण Lavillenie का इंतज़ार कर रहा था और अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने वह ऊंचाई पार कर के प्रतियोगिता जीत ली, साथ ही साथ एक नया ओलंपिक कीर्तिमान भी स्थापित किया।
जैसा की आप नीचे वीडियो में देख सकते हैं, Lavillenie ने एक बेहद बड़ा जोखिम उठाया और उसका फल उन्हें स्वर्ण पदक के रूप में मिला। उनका सपना अब सच में बदल चूका था।
परिणाम
Pierre Quinon (1984) और Jean Galfione (1996) के बाद फ्रांस की ओर से पोल वॉल्ट में ओलंपिक स्वर्ण जीतने वाले तीसरे खिलाड़ी बने Renaud Lavillenie, और उन्होंने आगे चल कर महान पोल वॉल्टेर Sergey Bubka का भी रिकॉर्ड (6.16 मी) ध्वस्त कर दिया।
उन्होंने यह कीर्तिमान Bubka के अपने देश यूक्रेन और उन्ही की उपस्तिथि में हासिल किया।
लंदन के 4 साल बाद रियो खेलों में वह एक और स्वर्ण तो नहीं जीत पाए पर रजत पदक जीतने से उन्हें कोई नहीं रोक पाया।
2020 में 20 वर्षीय Armand Duplantis ने Lavillenie का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया और अब वह दोनों घनिष्ट मित्र भी हैं।
अपने चरम पर न होने के बावजूद Lavillenie को टोक्यो ओलंपिक खेलों से उम्मीदें हैं और वह जानते हैं की 'एक अच्छी छलांग लगा कर वह अपने आप को आश्चर्यचकित कर सकते हैं।"