भारत की Mary Kom का लक्ष्य आगामी टोक्यो खेलों में स्वर्ण पदक जीतना है। (Chung Sung-Jun/ गेटी इमेज द्वारा फोटो)
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ओलंपिक खेलों के प्रारंभ होने में कुछ ही महीने रह गए हैं और विश्व के सबसे भव्य और महत्वपूर्ण खेल महोत्सव में भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पदक जीतने का प्रयास करेंगे। निशानेबाज़ी, कुश्ती, बैडमिंटन, मुक्केबाज़ी और भारोत्तोलन जैसे खेलों में भारत के अनेक खिलाड़ी पदक की आशा करेंगे और हर सप्ताह टोक्यो 2020 आपको ऐसे ही खिलाड़ियों के बारे में बताएगा।
Mary Kom निर्विवाद रूप से देश में सबसे अधिक चर्चित महिला एथलीट हैं।
Mary Kom को कौन नहीं जानता?? खैर, जो भी व्यक्ति, किसी भी तरह के मीडिया का इस्तेमाल करता है, चाहें वह टीवी हो, रेडियो हो या कुछ और भी, उसने कम से कम एक बार उनका नाम सना तो होगा ही।
लेकिन ये लेख उन लोगों के लिए भी है, जिन्होंने Mary के बारे में नहीं सुना है।
आप उस महान मुक्केबाज़ के बारे में पढ़ें और जानें, जिन्होंने छह विश्व खिताब सहित अपने देश के लिए एक ओलंपिक कांस्य और अनगिनत पदक भी जीते हैं।
भारत की MC Mary Kom का एकमात्र उद्देश्य अभी ओलंपिक स्वर्ण जीतना है। (Chris Hyde/ गेटी इमेजेज द्वारा फोटो)
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स्वर्ण पदक एकमात्र लक्ष्य हैं
पिछले साल अम्मान, जॉर्डन में Mary Kom टोक्यो में ओलंपिक के लिए अपना टिकट बुक करने वाली आठवीं भारतीय मुक्केबाज बनी थीं। अब 51 किग्रा फ्लाईवेट वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हुए, Mary ने फिलिपींस की Irish Magno के खिलाफ क्वार्टरफाइनल बाउट (5-0) जीतने के बाद यह उपलब्धि हासिल की।
भारतीय महिला मुक्केबाज़, जिन्होंने अपना पहला और एकमात्र ओलंपिक पदक - कांस्य पदक, 2012 के लंदन खेलों में जीता था, अब 38 वर्ष की आयु में टोक्यो में आगामी ओलंपिक में स्वर्ण पदक के लिए लक्ष्य बना रही हैं।
“इतने सालों तक मैं लड़ती रही। मैंने इतने पदक जीते हैं, लेकिन मैंने ओलंपिक स्वर्ण नहीं जीता है और यही मेरा सपना रहा है। मैंने अभी तक जो भी हासिल किया है, मैं उससे संतुष्ट नहीं हूँ।”
उन्होंने आगे कहा, “ओलंपिक में स्वर्ण जीतना मेरा सपना है। मैं इसी के लिए मेहनत कर रही हूँ। सबसे पहले, मुझे टोक्यो में एक पदक सुरक्षित करने की आवश्यकता है और फिर उसके बाद ही मैं स्वर्ण पदक के लिए जाऊँगी।"
हालांकि उम्र उनके साथ नहीं हो सकती, लेकिन अगर आप उनके रिकार्ड्स को उठा कर देखते हैं और उन्होंने हाल ही में जो हासिल किया हैं उसपर नज़र डालते हैं, तो आगामी खेलों में उन्हें कम आंकना एक बहुत बड़ी भूल हो सकती हैं।
वर्तमान में, महिला भारतीय मुक्केबाज़ स्पेन के कैस्टेलन में एक सप्ताह तक चलने वाले बॉक्सम अंतरराष्ट्री टूर्नामेंट में अन्य ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके मुक्केबाजों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं।
Time to Box in Boxam🥊
1⃣4⃣ 🇮🇳 boxers including the 9⃣ Olympic Qualified boxers are on their way to Spain's Boxam International Tournament. Top teams from 19 countries are participating in this tournament and we look forward to a strong and competitive fighting week.#boxingpic.twitter.com/hJPPeyZ4Dz
हालांकि हम यहां उन अनगिनत उपलब्धियों को सूचीबद्ध कर सकते हैं, जो Mary ने अपने करियर में हासिल की हैं, हम यहां आपको उनके करियर की सबसे शानदार जीत के बारे में बताएंगे।
इसलिए पढ़ते रहिए -
1. 2001 में जब से महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप की शुरुआत हुई है, तब से अब तक Mary ने आठ संस्करणों में से प्रत्येक में पदक जीता है। उन्हें छह अवसरों पर विजेता के रूप में ताज पहनाया गया, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है, और उन्होंने एक रजत और एक कांस्य पदक भी जीता था।
2. भारतीय मुक्केबाज ने लंदन 2012 खेलों में अपना पहला ओलंपिक पदक जीता, जब वह सेमीफाइनल में UK की Nicola Adams से हार गई थी।
3. इन शानदार जीत से इतर, Mary ने एशियाई चैंपियनशिप में भी अपना दबदबा कायम रखा। यह एक ऐसा इवेंट था जिसमें उन्होंने विभिन्न श्रेणियों में छह पदक जीते थे - जिनमें पाँच स्वर्ण पदक और एक रजत पदक शामिल हैं।
4. एशियाई खेलों में भी उन्होंने 2014 में फ्लाइवेट श्रेणी में इंचियोन में अपना पहला और एकमात्र स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा, उन्होंने 2010 में ग्वांगझू में कांस्य भी जीता था।
5. यही नहीं, Mary 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में लाइट फ्लाईवेट वर्ग में स्वर्ण पदक विजेता भी रही थीं।
इस बीच, उनकी उपलब्धियों के लिए, भारत सरकार ने उन्हें कुछ बहुत ही प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया है - जिसमें 2003 में अर्जुन पुरस्कार, 2006 में पद्म श्री, 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, 2013 में पद्म भूषण और 2020 में पद्म विभूषण शामिल हैं।