बैडमिंटन
लॉकडाउन डायरीज़: शटलर अजय जयराम बने लूडो किंग
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भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अजय जयराम इस लॉकडाउन में फ़िटनेस के साथ पेंटिंग कर रहे हैं, साथ ही लूडो और नेटफ़्लिक्स बन गया है उनकी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा।
एक खिलाड़ी का जीवन उतार-चढ़ाव से भरा हुआ होता है। कभी चोट तो कभी आगे ले जाने वाली फॉर्म, ऐसा ही कुछ हुआ भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी Ajay Jayaram के साथ। साल 2019 के अंत में यह 31 वर्षीय खिलाड़ी खिसक कर 81वीं बीडब्लूएफ रैंकिंग पर आ गया था।
सीज़न 2020 की शुरुआत में ही अजय ने अपनी फॉर्म को हासिल कर लिया और फरवरी में हुए स्पेन मास्टर्स में अच्छी वापसी की। प्रतियोगिता में अजय इकलौते भारतीय शटलर थे जिन्होंने सेमी-फाइनल तक का सफ़र तय किया था। इस दौरान उन्होंने प्री-क्वार्टरफाइनल में पूर्व वर्ल्ड नंबर 1 Kidambi Srikanth को 21-6, 21-17 से मात दी थी। हालांकि आगे जाकर उन्हें Kunlavut Vitidsarn के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
मार्च में लॉकडाउन होने से पहले अजय जयराम बेंगलुरु से मुंबई आ गए थे, ताकि वह पूर्व खिलाड़ी Anup Sridhar से ट्रेनिंग ले सकें।
एक बार 6 से 8 महीने की इंजरी के दौरान मैं घर पर रुका था लेकिन उसके आलावा ऐसा कोई मौका नही बना कि इतने लंबे समय के लिए मैं घर पर रहा हूं।
इस समय मैं फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूं, पेंटिंग करता हूं और हां, नेटफ्लिक्स भी देखता हूं।
और हां, मैंने लूडो भी बहुत खेला है, यह तो लॉकडाउन का बड़ा साथी रहा है (हंसते हुए)।
मैं खुश किस्मत हूं कि मेरा जो कुक है वह अपार्टमेंट का मैनेजर भी है और वह हमेशा मेरे लिए मौजूद रहता है।
ऐसे में डाइट में ज्यादा बदलाव नहीं आया है। वह लॉकडाउन से पहले वाली ही है।
आप हमेशा कुछ नया करना चाहते हो लेकिन चार दीवारों में आपका रूटीन बंध जाता है और एक जैसा ही होता है और आपके पास बैडमिंटन का खेल भी नहीं है कि आप इसे बदल सकें।
भगवान की दया से मेरे घर पर एक बाइक है जो मेरे कार्डियो का ध्यान रखती है और यह मेरे लिए नई चीज़ है। इसके अलावा एजीलिटी को बढ़ाने पर ध्यान दे रहा हूं और साथ ही में स्किपिंग भी करता हूं।
मैंने खाना बनाने की कोशिश की, जिसमे मैंने पायसम (payasam) बनाया, लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं इसमें ज़्यादा अच्छा हूं।
यह मेरा पैशन नहीं है तो मैं इसमें पूरी तरह घुस नहीं जाता। कुछ लोग इसमें बहुत अच्छे हैं लेकिन मैं नहीं।कोई ऐसी टीवी सीरीज़ जिसे आप नेटफ्लिक्स पर देखना पसंद करते हैं?
ओह हां, मेरी पसंदीदा सीरीज़ है ‘ओज़ार्क’। मैंने इसका तीसरा सीज़न अभी कुछ दिन पहले ही ख़त्म किया है।
अब जब मैं परिवार से दूर हूं तो सबसे ज़्यादा कॉल मैं उन्हें ही करता हूं।
वैसे यह चीज़ रोज़मर्रा की नहीं है और न ही मैं कॉल पर बहुत ज़्यादा बात करता हूं। हां आम दिनों के मुताबिक़ आज-कल यह चीज़ ज़्यादा बढ़ गई है।
मुझे पता है कि सब धीरे-धीरे ही नार्मल होगा लेकिन मैं अपने दोस्तों के साथ किसी पब या रेस्टोरेंट में जाने के लिए उत्सुक हूं, जहां म्यूज़िक हो और हम सब एन्जॉय कर सकें।
ओलंपिक चैनल द्वारा!