अतीत को जाने
FUJIMOTO Shun और स्वर्ण पदक की कीमत
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ओलिंपिक खेलों का इतिहास चैंपियन खिलाड़ियों, अद्भुत कहानियों और कीर्तिमानों से भरा हुआ है लेकिन हर चार साल में एक बार आयोजित होने वाले प्रतियोगिता में कुछ ऐसे क्षण होते हैं जो सदैव याद किये जाते हैं। हर सप्ताह हम आपको ऐसे ही एक क्षण के बारे में बताते हैं जिसने विश्व भर में खेल प्रेमियों को भावुक कर दिया और इस भाग में हम आपको बताएँगे जापान के ऐसे खिलाड़ी के बारे में जिन्होंने स्वर्ण पदक जीतने के लिए एक गहरी चोट छुपा कर रखी।
आपके जीवन का सबसे बड़ा राज़ क्या है?
1976 मोंट्रियल ओलिंपिक खेलों के समय विश्व जिम्नास्टिक्स के शिखर पर जापान था और उन्होंने पिछले चार खेलों में आल राउंड टीम प्रतियोगिता में स्वर्ण जीता था।
जापान फिर से स्वर्ण जीतने के लिए सबसे प्रबल दावेदार था लेकिन उनकी दावेदारी को चुनौती देने के लिए सोवियत संघ की टीम थी और इस मोर्चे का नेतृत्व कर रहे थे पुरुषों के आल अराउंड चैंपियन Nikolai Andrianov जो अपने करियर के अंत में ओलिंपिक इतिहास के सबसे सफल पुरुष जिम्नास्ट बने।
सोवियत संघ की कुशलता के बावजूद Fujimoto और जापानी टीम के सदस्यों से सबको काफी ज़्यादा उपेक्षाएँ थी।
मोंट्रियल खेलों के कई सालों बाद Fujimoto ने ओलिंपिक शो के दौरान बताया, "हमने उन ओलिंपिक खेलों में कभी भी हार के बारे में नहीं सोचा। हम चाहते थे की जापानी प्रतिष्ठा बनी रहे। वह प्रतियोगिता हमारे लिए दबाव के बारे में नहीं बल्कि राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और सम्मान के लिए थी।"
जापान के गौरव को बनाए रखने की कीमत एक जिम्नास्ट के लिए अत्यधिक साबित हुई।
प्रारंभिक फ्लोर व्यायाम के लिए जैसे ही Fujimoto ने मैट पर कदम रखा उनके लिए एक बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी हो गयी।
एक करतब करते हुए Fujimoto का घुटना बहुत बुरी तरह चोटिल हो गया और इस दुर्घटना के बाद जापान के लिए ओलिंपिक स्वर्ण जीतना बहुत मुश्किल था।
वह क्षण बहुत कठिन था लेकिन Fujimoto ने निश्चय कर लिया था कि वह अपने राष्ट्र की प्रतिष्ठा को आसानी से नहीं जाने देने वाले थे।
प्रतियोगिता का प्रमुख हिस्सा बचा हुआ था लेकिन इस जिम्नास्ट ने निर्णय लिया के वह अपनी टीम के सदस्यों को चोट के बारे में नहीं बताएँगे। Fujimoto को बहुत दर्द हो रहा था लेकिन उन्होंने फिर भी पोम्मेल हॉर्स और रिंग व्यायाम के साथ आगे बढ़े। इन दोनों व्यायामों में घुटने का प्रयोग ज़रूरी था और टूटे हुए घुटने के साथ Fujimoto आगे बढ़ते रहे।
अपने दर्द के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मुझे अपने घुटने के अंदर हवा जाते हुए महसूस हो रही थी लेकिन मैंने निर्णय लिया कि अपने चोट के बारे में किसी को नहीं बताऊंगा क्योंकि मैं नहीं चाहता था की जज को मेरे दर्द के बारे में पता चले।
बहुत अद्भुत प्रदर्शन दिखते हुए Fujimoto ने पोम्मेल हॉर्स व्यायाम पूरी करि और उनका स्कोर 9.5 था।
यह शुरुआत अच्छी थी लेकिन अगला पड़ाव सबसे ज़्यादा मुश्किल था।
प्रतियोगिता के उस क्षण पर सोवियत संघ जापान से एक अंक आगे थी और जब Fujimoto रिंग व्यायाम करने के लिए आगे बढ़े उन्हें ज़मीन के 2.4 मीटर ऊपर से एक डिसमाउंट पर लैंड करना था।
अविश्वसनीय और अद्भुत प्रदर्शन दिखाते हुए Fujimoto ने वह कर दिखाया जिसकी कल्पना किसी और ने नहीं करि होगी। उनकी व्यायाम और प्रदर्शन के लिए उन्हें जज ने 9.7 अंक दिए।
स्वर्ण जीतने के लिए Fujimoto ने न केवल दर्द को पराजित किया बल्कि उन्होंने एक बहुत बड़ी बात सबसे छुपा कर रखी थी।
जब Fujimoto लंगड़ाते हुए अपनी सीट पर वापस जा रहे थे, उनके लिए दर्द छुपाना बिलकुल असंभव था। अंतिम पैंतरे में उनके घुटने को और ज़्यादा चोट लग चुकी थी जिसके कारण डॉक्टर ने उन्हें प्रतियोगिता को छोड़ने का आदेश दिया।
उनके प्रदर्शन ने टीम को स्वर्ण पदक दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जिमनास्टिक्स की उस प्रतियोगिता में पांचवा लगातार स्वर्ण जापान ने जीता। मोंट्रियल ओलिंपिक खेलों के बहुत साल बाद उन्हें किसी ने पूछा कि क्या वह यह दोबारा करेंगे तो उनका Fujimoto का जवाब सरल था।
"नहीं, मैं वह नहीं करता।"
जापान के जिम्नास्टिक्स वर्चस्व का अंत 1976 मोंट्रियल ओलिंपिक खेलों में हो गया क्योंकि उन्होंने 1980 मास्को खेलों में भाग नहीं लिया। इस प्रतियोगिता में अगला स्वर्ण जीतने के लिए उन्हें 2004 एथेंस ओलिंपिक खेलों तक रुकना पड़ा।